Virenjitechnical के इस ब्लॉग में जानेंगे की Internal linking kya hai.अगर आप ब्लॉग्गिंग करते है तो आपके लिए Internal linking बहुत ही जरुरी है website के SEO पोस्ट के लिए। साथ इसमें हम जानेंगे की internal linking kaise kare. इस ब्लॉग में internal link के फायदे (advantege) भी जानेंगे। तो दोस्तों ध्यान से पढ़िए इस पोस्ट को बहुत ही जरुरी टॉपिक है।
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Internal linking kya hai
जब भी कोई blogging शुरू करता है तो अपना ब्लॉग blogger vs wordpress में शुरू करता है। सबसे पहले SEO का नाम आता है। अगर आप कोई भी website बनाते है तो SEO का ज्ञान होना चाहिए। SEO भी दो तरह का होता है पहला Off page SEO और दूसरा On Page SEO.
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Internal linking On Page SEO का ही हिस्सा है। Internal linking kya hai.इसको हम ऐसे समझते है। जब भी आप किसी ब्लॉग का आर्टिकल या news read करते है तो उसी आर्टिकल के किसी लाइन में दूसरे पोस्ट का link डाला होता है।उस लिंक को क्लिक करने पर वो नाये पोस्ट पर redirect कर देता है। उसे internal link या linking कहते है।

Internal linking kaise kare
हमने जाना इंटरनल लिंकिंग क्या है ? अब जानेंगे internal linking kaise kare. जैसे आप blogging क्या होता है ? इस पर एक आर्टिकल लिख रहे है। अब इसी आर्टिकल में कही भी आप blogging से related कोई दूसरा पोस्ट /article का लिंक add कर दे। थोड़ा और विस्तार से जानते है- अपने पोस्ट लिखा blogging क्या होता है ? अब जब नया पोस्ट लिखेंगे blogging se paisa kaise kamaye इसमें आप जो पहले पोस्ट लिख चुके है ब्लॉग्गिंग क्या है इसका लिंक इसी article में link कर दे।
Advantage of Internal linking
Internal linking के फायदे। आपकी वेबसाइट के लिए Fully SEO का होना बहुत ही जरुरी है। अगर website SEO Optomized होगी तो साइट जल्दी google पर रैंक करती है। जब भी हम पोस्ट लिखते है तो उसका हर बार On Page SEO करना होता है। तो internal linking के advantages भी जान लेते है।
Increase Page Views
जब कोई आर्टिकल लिखते है और साथ ही दो या तीन इससे अधिक related topic linking करते है। तो अगर कोई यूजर उस पोस्ट को read करेगा तो related link पर क्लिक करके other पोस्ट भी read करेगा। इससे page views अच्छे increase हो जाते है। जो ब्लॉग के लिए अच्छा है।
Bounce rate कम होता है।
अगर आपके ब्लॉग का bounce रेट ज्यादा है इसका मतलब यूजर आपकी वेबसाइट पर आता है। लेकिन रुकता नहीं। इसलिए internal linking जरुरी है। ज्यादा से ज्यादा इंटरनल लिंकिंग करे जिससे यूजर बाकि के पोस्ट भी पड़ेगा। जितने देर यूजर आपकी साइट पे रहेगा बाउंस रेट कम होगा।
Old Post page views improve
आपके ब्लॉग में बहुत से पोस्ट होंगे जिनमे कुछ ही पोस्ट ऐसे होंगे जो रैंक हुए हो। कई पोस्ट में views तक नहीं आते। ऐसे में जो पोस्ट रैंक हो अच्छे व्यूज आते हो। उस आर्टिकल में अपना old post का internal linking यानि link उसमे लगा दे। इससे Old Post page views improve हो जाएगी।
Create Backlink with internal linking
जब आप अपने पोस्ट में दूसरे पोस्ट का लिंक add करते हो। जिससे एक पोस्ट का लिंक backlink create हो जाता है। जिसे internal linking में Link juice बनता है। internal linking करने से एक तरह का high quality backlink बन जाता है। Google इसे backlink पोस्ट मानता है जो जल्दी rank भी करता है।
Page Crawling and indexing on your website
Internal linking करने से आपके पोस्ट व्यूज बढ़ते है। जिससे गूगल पर पेज रैंक होने में हेल्पफुल होता है। अगर आपके ब्लॉग के पेज रैंकिंग बढ़ेगी तो साथ ही वेबसाइट की रैंकिंग भी increase होगी। आपके ब्लॉग के पोस्ट में internal linking से page crawl होता है जिससे website google पर indexing जल्दी होती है।
Internal linking kya hai | internal linking kaise kare
Conclusion- Virenjitechnical के इस ब्लॉग में Internal linking kya hai अच्छी तरह से जाना साथ ही internal linking kaise kare इसको भी detail में जाना। internal linking करने से website में क्या फयदे होते है उसे भी जान लिया है। इसमें हमने SEO का On Page SEO की पूरी जानकारी प्राप्त की। अगर आपको ये पोस्ट अच्छा लगे तो शेयर जरूर करे।